भारत में भूमि और संपत्ति की रजिस्ट्री लंबे समय से एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया रही है। कई बार लोगों को जमीन की खरीद-बिक्री या नामांतरण के लिए घंटों सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे, जिससे न केवल समय और ऊर्जा की बर्बादी होती थी बल्कि कई मामलों में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी आती थीं। लेकिन 2025 में सरकार ने इस पूरे सिस्टम को पूरी तरह बदलने का ऐलान किया है। नए नियमों के तहत Land Registry प्रोसेस अब 100% डिजिटल होगा, यानी आपको रजिस्ट्री कराने के लिए अब न तो लंबी कतारों में लगना पड़ेगा और न ही बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
2025 में रजिस्ट्री प्रोसेस का डिजिटल बदलाव
नए नियमों के तहत, अब जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। सरकार ने एक एकीकृत (Unified) डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जहां से आप जमीन की डिटेल्स चेक कर सकते हैं, रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकते हैं, शुल्क का भुगतान कर सकते हैं और अंत में डिजिटल सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं।
इस बदलाव से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और धोखाधड़ी के मामले भी कम होंगे, क्योंकि हर प्रक्रिया पारदर्शी और रियल-टाइम ट्रैकिंग के साथ होगी।
2025 में बदलाव की ज़रूरत क्यों थी?
- भ्रष्टाचार पर रोक – एजेंट और रिश्वतखोरी की समस्या।
- समय की बर्बादी – हफ्तों का समय लगना।
- कागज़ी काम का बोझ – फाइलें, रिकॉर्ड और पुराने दस्तावेज़ ढूंढने में दिक्कत।
- पारदर्शिता की कमी – जमीन के मालिकाना हक पर विवाद और फर्जीवाड़ा।
लोगों के लिए बड़े फायदे
- समय की बचत – अब हफ्तों का काम कुछ घंटों में पूरा होगा।
- पारदर्शिता – हर स्टेप ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।
- सुरक्षा – डिजिटल रिकॉर्ड होने से दस्तावेज खोने का खतरा खत्म होगा।
- कम लागत – बिचौलियों और अतिरिक्त खर्च से छुटकारा मिलेगा।
किसानों और निवेशकों के लिए राहत
यह नया डिजिटल सिस्टम किसानों और प्रॉपर्टी निवेशकों के लिए बड़ी राहत है। किसानों को अब अपने खेत की रजिस्ट्री या नामांतरण के लिए तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। वहीं, रियल एस्टेट निवेशक देश के किसी भी कोने से अपनी संपत्ति का रजिस्ट्री काम निपटा सकेंगे।
भविष्य में और भी सुविधाएं
सरकार का प्लान है कि आने वाले समय में इस सिस्टम में ब्लॉकचेन तकनीक को जोड़ा जाए, जिससे डेटा की सुरक्षा और बढ़ जाएगी। साथ ही, वर्चुअल स्टैम्प पेपर और एआई बेस्ड वेरिफिकेशन सिस्टम भी लाया जाएगा, जो पूरी प्रक्रिया को और भी तेज और सुरक्षित बनाएगा।
Land Registry New Rules 2025 के तहत 100% डिजिटल प्रोसेस शुरू होना भारत की संपत्ति प्रबंधन प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव है। इससे न केवल समय और पैसे की बचत होगी बल्कि पारदर्शिता और भरोसा भी बढ़ेगा। यह कदम “डिजिटल इंडिया” और “ई-गवर्नेंस” के लक्ष्यों की दिशा में एक मजबूत पहल है।