भारत में ज़मीन-जायदाद की रजिस्ट्री प्रक्रिया लंबे समय से जटिल, समय लेने वाली और कई बार भ्रष्टाचार से प्रभावित मानी जाती रही है। लोग महीनों तक तहसील, रजिस्ट्री ऑफिस और बिचौलियों के चक्कर लगाते रहे हैं। लेकिन अब सरकार ने इस व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव करने का फैसला किया है। 15 अगस्त 2025 से देशभर में भूमि पंजीकरण (Land Registry) की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन, पारदर्शी और सरल हो जाएगी। इस कदम का उद्देश्य है लोगों को समय, पैसा और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाना और साथ ही ज़मीन से जुड़ी धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े पर रोक लगाना।
नई ऑनलाइन लैंड रजिस्ट्री प्रक्रिया में तकनीक, पारदर्शिता और लोगों की सुविधा को प्राथमिकता दी गई है। अब न तो बार-बार सरकारी दफ्तरों में दौड़ लगानी पड़ेगी, न ही कागज़ात के वेरिफिकेशन में महीनों का इंतज़ार करना पड़ेगा। आप अपने घर, ऑफिस या मोबाइल से ही रजिस्ट्री से जुड़े सभी कार्य कर सकेंगे।
नई प्रक्रिया के बड़े फायदे
1.समय की बचत – पहले जो काम हफ्तों में होता था, अब 1-2 दिन में पूरा।
2.भ्रष्टाचार पर रोक – बिचौलियों की भूमिका खत्म।
3.धोखाधड़ी से बचाव – फर्जी दस्तावेज़ों का तुरंत पता चल जाएगा।
4.पारदर्शिता – हर चरण का रियल टाइम ट्रैकिंग।
5.कहीं से भी प्रक्रिया पूरी करने की सुविधा – चाहे शहर हो या गांव, इंटरनेट से सब संभव।
ऑनलाइन लैंड रजिस्ट्री से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका लगभग खत्म हो जाएगी। पहले लोगों को रजिस्ट्री ऑफिस में काम कराने के लिए एजेंट्स को अतिरिक्त पैसा देना पड़ता था, लेकिन अब हर काम सीधे पोर्टल से होगा।
दूसरा फायदा है समय की बचत। पहले रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई बार 15-20 दिन लग जाते थे, लेकिन अब यह काम 24 से 48 घंटे के अंदर पूरा हो सकेगा।
तीसरा फायदा है धोखाधड़ी पर रोक। अब किसी भी जमीन की डुप्लीकेट सेल डीड, दोहरी बिक्री या फर्जीवाड़ा मुश्किल होगा क्योंकि ब्लॉकचेन रिकॉर्ड को बदला नहीं जा सकता।
चौथा फायदा है पारदर्शिता और ट्रैकिंग सुविधा। आप अपने आवेदन की स्थिति रियल टाइम में देख सकते हैं – दस्तावेज़ वेरिफिकेशन से लेकर रजिस्ट्री कंप्लीशन तक।
किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए फायदे
- पुराने रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने से किसानों को ज़मीन के सही दस्तावेज़ मिलेंगे।
- फर्जी बिक्री, कब्जा या सीमा विवाद में कमी आएगी।
- जमीन पर लोन लेना आसान होगा क्योंकि डिजिटल रजिस्ट्री बैंक के साथ लिंक होगी।
टेक्नोलॉजी की भूमिका
1.ब्लॉकचेन – जिससे रजिस्ट्री डेटा को बदला या डिलीट नहीं किया जा सकेगा।
2.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) – जो दस्तावेज़ों का स्वचालित वेरिफिकेशन करेगा।
3.जियो-टैगिंग और GIS मैपिंग – जिससे जमीन की लोकेशन, आकार और सीमा का सही-सही पता चलेगा।
सरकार ने लैंड रजिस्ट्री प्रक्रिया में जो बड़े बदलाव किए हैं, वे पूरी व्यवस्था को डिजिटल और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। अब भूमि पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए होगी, जहां से खरीद-फरोख्त, स्वामित्व हस्तांतरण और कागज़ात का वेरिफिकेशन जैसे काम एक ही जगह पर होंगे।
सबसे पहले, खरीदार और विक्रेता दोनों को आधिकारिक Land Registry Portal पर लॉगिन करना होगा। यहां उन्हें अपनी पहचान आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल OTP के जरिए वेरिफाई करनी होगी। इसके बाद जमीन का Khasra नंबर डालते ही, सिस्टम अपने आप उस जमीन की लोकेशन, आकार, वर्तमान मालिक और किसी भी तरह के विवाद या बकाया की जानकारी दिखा देगा। यह सुविधा पहले सिर्फ कुछ राज्यों में थी, लेकिन अब पूरे देश में उपलब्ध होगी।
सरकार का यह कदम भारत में संपत्ति पंजीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक सुधार है। इससे न केवल समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि आम नागरिक का जीवन भी आसान होगा। अब ज़मीन-जायदाद खरीदना-बेचना तनाव का कारण नहीं, बल्कि एक पारदर्शी और भरोसेमंद प्रक्रिया होगी।